सुनो! यह तुम्ही लोग हो कि तुम्हें आमंत्रण दिया जा रहा है कि "अल्लाह के मार्ग में ख़र्च करो।" फिर तुमसे कुछ लोग है जो कंजूसी करते है। हालाँकि जो कंजूसी करता है वह वास्तव में अपने आप ही से कंजूसी करता है। अल्लाह तो निस्पृह है, तुम्हीं मुहताज हो। और यदि तुम फिर जाओ तो वह तुम्हारी जगह अन्य लोगों को ले आएगा; फिर वे तुम जैसे न होंगे