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Sura 47
Aya 35
35
فَلا تَهِنوا وَتَدعوا إِلَى السَّلمِ وَأَنتُمُ الأَعلَونَ وَاللَّهُ مَعَكُم وَلَن يَتِرَكُم أَعمالَكُم

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अतः ऐसा न हो कि तुम हिम्मत हार जाओ और सुलह का निमंत्रण देने लगो, जबकि तुम ही प्रभावी हो। अल्लाह तुम्हारे साथ है और वह तुम्हारे कर्मों (के फल) में तुम्हें कदापि हानि न पहुँचाएगा