21طاعَةٌ وَقَولٌ مَعروفٌ ۚ فَإِذا عَزَمَ الأَمرُ فَلَو صَدَقُوا اللَّهَ لَكانَ خَيرًا لَهُمफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउनके लिए उचित है आज्ञापालन और अच्छी-भली बात। फिर जब (युद्ध की) बात पक्की हो जाए (तो युद्ध करना चाहिए) तो यदि वे अल्लाह के लिए सच्चे साबित होते तो उनके लिए ही अच्छा होता