18فَهَل يَنظُرونَ إِلَّا السّاعَةَ أَن تَأتِيَهُم بَغتَةً ۖ فَقَد جاءَ أَشراطُها ۚ فَأَنّىٰ لَهُم إِذا جاءَتهُم ذِكراهُمफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो क्या ये लोग बस क़यामत ही के मुनतज़िर हैं कि उन पर एक बारगी आ जाए तो उसकी निशानियाँ आ चुकी हैं तो जिस वक्त क़यामत उन (के सर) पर आ पहुँचेगी फिर उन्हें नसीहत कहाँ मुफीद हो सकती है