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Sura 46
Aya 32
32
وَمَن لا يُجِب داعِيَ اللَّهِ فَلَيسَ بِمُعجِزٍ فِي الأَرضِ وَلَيسَ لَهُ مِن دونِهِ أَولِياءُ ۚ أُولٰئِكَ في ضَلالٍ مُبينٍ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और जो कोई अल्लाह के आमंत्रणकर्त्ता का आमंत्रण स्वीकार नहीं करेगा तो वह धरती में क़ाबू से बच निकलनेवाला नहीं है और न अल्लाह से हटकर उसके संरक्षक होंगे। ऐसे ही लोग खुली गुमराही में हैं।"