28فَلَولا نَصَرَهُمُ الَّذينَ اتَّخَذوا مِن دونِ اللَّهِ قُربانًا آلِهَةً ۖ بَل ضَلّوا عَنهُم ۚ وَذٰلِكَ إِفكُهُم وَما كانوا يَفتَرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर क्यों न उन बस्तियों ने उसकी सहायता की जिनको उन्होंने अपने और अल्लाह का बीच माध्यम ठहराकर सामीप्य प्राप्त करने के लिए उपास्य बना लिया था? बल्कि वे उनसे गुम हो गए, और यह था उनका मिथ्यारोपण और वह कुछ जो वे घड़ते थे