24فَلَمّا رَأَوهُ عارِضًا مُستَقبِلَ أَودِيَتِهِم قالوا هٰذا عارِضٌ مُمطِرُنا ۚ بَل هُوَ مَا استَعجَلتُم بِهِ ۖ ريحٌ فيها عَذابٌ أَليمٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो जब उन लोगों ने इस (अज़ाब) को देखा कि वबाल की तरह उनके मैदानों की तरफ उम्ड़ा आ रहा है तो कहने लगे ये तो बादल है जो हम पर बरस कर रहेगा (नहीं) बल्कि ये वह (अज़ाब) जिसकी तुम जल्दी मचा रहे थे (ये) वह ऑंधी है जिसमें दर्दनाक (अज़ाब) है