5وَاختِلافِ اللَّيلِ وَالنَّهارِ وَما أَنزَلَ اللَّهُ مِنَ السَّماءِ مِن رِزقٍ فَأَحيا بِهِ الأَرضَ بَعدَ مَوتِها وَتَصريفِ الرِّياحِ آياتٌ لِقَومٍ يَعقِلونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर रात दिन के आने जाने में और ख़ुदा ने आसमान से जो (ज़रिया) रिज़क (पानी) नाज़िल फरमाया फिर उससे ज़मीन को उसके मर जाने के बाद ज़िन्दा किया (उसमें) और हवाओं फेर बदल में अक्लमन्द लोगों के लिए बहुत सी निशानियाँ हैं