29هٰذا كِتابُنا يَنطِقُ عَلَيكُم بِالحَقِّ ۚ إِنّا كُنّا نَستَنسِخُ ما كُنتُم تَعمَلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"यह हमारी किताब है, जो तुम्हारे मुक़ाबले में ठीक-ठीक बोल रही है। निश्चय ही हम लिखवाते रहे हैं जो कुछ तुम करते थे।"