21أَم حَسِبَ الَّذينَ اجتَرَحُوا السَّيِّئَاتِ أَن نَجعَلَهُم كَالَّذينَ آمَنوا وَعَمِلُوا الصّالِحاتِ سَواءً مَحياهُم وَمَماتُهُم ۚ ساءَ ما يَحكُمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमद(क्या मार्गदर्शन और पथभ्रष्ट ता समान है) या वे लोग, जिन्होंने बुराइयाँ कमाई है, यह समझ बैठे हैं कि हम उन्हें उन लोगों जैसा कर देंगे जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए कि उनका जीना और मरना समान हो जाए? बहुत ही बुरा है जो निर्णय वे करते है!