58فَإِنَّما يَسَّرناهُ بِلِسانِكَ لَعَلَّهُم يَتَذَكَّرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहमने तो इस (क़ुरआन) को बस तुम्हारी भाषा में सहज एवं सुगम बना दिया है ताकि वे याददिहानी प्राप्त (करें