57فَضلًا مِن رَبِّكَ ۚ ذٰلِكَ هُوَ الفَوزُ العَظيمُफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ये) तुम्हारे परवरदिगार का फज़ल है यही तो बड़ी कामयाबी है