41يَومَ لا يُغني مَولًى عَن مَولًى شَيئًا وَلا هُم يُنصَرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीजिस दिन कोई दोस्त किसी दोस्त के कुछ काम न आएगा और न उन की मदद की जाएगी