37أَهُم خَيرٌ أَم قَومُ تُبَّعٍ وَالَّذينَ مِن قَبلِهِم ۚ أَهلَكناهُم ۖ إِنَّهُم كانوا مُجرِمينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदक्या वे अच्छे है या तुब्बा की क़ौम या वे लोग जो उनसे पहले गुज़र चुके है? हमने उन्हें विनष्ट कर दिया, निश्चय ही वे अपराधी थे