35إِن هِيَ إِلّا مَوتَتُنَا الأولىٰ وَما نَحنُ بِمُنشَرينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीकि हमें तो सिर्फ एक बार मरना है और फिर हम दोबारा (ज़िन्दा करके) उठाए न जाएँगे