24وَاترُكِ البَحرَ رَهوًا ۖ إِنَّهُم جُندٌ مُغرَقونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर सागर को स्थिर छोड़ दो। वे तो एक सेना दल हैं, डूब जानेवाले।"