20وَإِنّي عُذتُ بِرَبّي وَرَبِّكُم أَن تَرجُمونِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर इस बात से कि तुम मुझे संगसार करो मैं अपने और तुम्हारे परवरदिगार (ख़ुदा) की पनाह मांगता हूँ