16يَومَ نَبطِشُ البَطشَةَ الكُبرىٰ إِنّا مُنتَقِمونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीहम बेशक (उनसे) पूरा बदला तो बस उस दिन लेगें जिस दिन सख्त पकड़ पकड़ेंगे