88وَقيلِهِ يا رَبِّ إِنَّ هٰؤُلاءِ قَومٌ لا يُؤمِنونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर उसका कहना हो कि "ऐ मेरे रब! निश्चय ही ये वे लोग है, जो ईमान नहीं रखते थे।"