86وَلا يَملِكُ الَّذينَ يَدعونَ مِن دونِهِ الشَّفاعَةَ إِلّا مَن شَهِدَ بِالحَقِّ وَهُم يَعلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर जिन्हें वे उसके और अपने बीच माध्यम ठहराकर पुकारते है, उन्हें सिफ़ारिश का कुछ भी अधिकार नहीं, बस उसे ही यह अधिकार प्राप्त, है जो हक की गवाही दे, और ऐसे लोग जानते है।-