83فَذَرهُم يَخوضوا وَيَلعَبوا حَتّىٰ يُلاقوا يَومَهُمُ الَّذي يوعَدونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअच्छा, छोड़ो उन्हें कि वे व्यर्थ की बहस में पड़े रहे और खेलों में लगे रहें। यहाँ तक कि उनकी भेंट अपने उस दिन से हो जिसका वादा उनसे किया जाता है