57۞ وَلَمّا ضُرِبَ ابنُ مَريَمَ مَثَلًا إِذا قَومُكَ مِنهُ يَصِدّونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर जब मरयम के बेटे की मिसाल दी गई तो क्या देखते है कि उसपर तुम्हारी क़ौम के लोग लगे चिल्लाने