44وَإِنَّهُ لَذِكرٌ لَكَ وَلِقَومِكَ ۖ وَسَوفَ تُسأَلونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर ये (क़ुरान) तुम्हारे लिए और तुम्हारी क़ौम के लिए नसीहत है और अनक़रीब ही तुम लोगों से इसकी बाज़पुर्स की जाएगी