39وَلَن يَنفَعَكُمُ اليَومَ إِذ ظَلَمتُم أَنَّكُم فِي العَذابِ مُشتَرِكونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर जबकि तुम ज़ालिम ठहरे तो आज यह बात तुम्हें कुछ लाभ न पहुँचा सकेगी कि यातना में तुम एक-दूसरे के साझी हो