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Sura 43
Aya 39
39
وَلَن يَنفَعَكُمُ اليَومَ إِذ ظَلَمتُم أَنَّكُم فِي العَذابِ مُشتَرِكونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और जबकि तुम ज़ालिम ठहरे तो आज यह बात तुम्हें कुछ लाभ न पहुँचा सकेगी कि यातना में तुम एक-दूसरे के साझी हो