31وَقالوا لَولا نُزِّلَ هٰذَا القُرآنُ عَلىٰ رَجُلٍ مِنَ القَريَتَينِ عَظيمٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर कहने लगे कि ये क़ुरान इन दो बस्तियों (मक्के ताएफ) में से किसी बड़े आदमी पर क्यों नहीं नाज़िल किया गया