29بَل مَتَّعتُ هٰؤُلاءِ وَآباءَهُم حَتّىٰ جاءَهُمُ الحَقُّ وَرَسولٌ مُبينٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदनहीं,बल्कि मैं उन्हें और उनके बाप-दादा को जीवन-सुख प्रदान करता रहा, यहाँ तक कि उनके पास सत्य और खोल-खोलकर बतानेवाला रसूल आ गया