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Sura 43
Aya 15
15
وَجَعَلوا لَهُ مِن عِبادِهِ جُزءًا ۚ إِنَّ الإِنسانَ لَكَفورٌ مُبينٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उन्होंने उसके बन्दों में से कुछ को उसका अंश ठहरा दिया! निश्चय ही मनुष्य खुला कृतघ्न है