15وَجَعَلوا لَهُ مِن عِبادِهِ جُزءًا ۚ إِنَّ الإِنسانَ لَكَفورٌ مُبينٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउन्होंने उसके बन्दों में से कुछ को उसका अंश ठहरा दिया! निश्चय ही मनुष्य खुला कृतघ्न है