30وَما أَصابَكُم مِن مُصيبَةٍ فَبِما كَسَبَت أَيديكُم وَيَعفو عَن كَثيرٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जो मुसीबत तुम पर पड़ती है वह तुम्हारे अपने ही हाथों की करतूत से और (उस पर भी) वह बहुत कुछ माफ कर देता है