20مَن كانَ يُريدُ حَرثَ الآخِرَةِ نَزِد لَهُ في حَرثِهِ ۖ وَمَن كانَ يُريدُ حَرثَ الدُّنيا نُؤتِهِ مِنها وَما لَهُ فِي الآخِرَةِ مِن نَصيبٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीजो शख़्श आखेरत की खेती का तालिब हो हम उसके लिए उसकी खेती में अफ़ज़ाइश करेंगे और दुनिया की खेती का ख़ास्तगार हो तो हम उसको उसी में से देंगे मगर आखेरत में फिर उसका कुछ हिस्सा न होगा