53سَنُريهِم آياتِنا فِي الآفاقِ وَفي أَنفُسِهِم حَتّىٰ يَتَبَيَّنَ لَهُم أَنَّهُ الحَقُّ ۗ أَوَلَم يَكفِ بِرَبِّكَ أَنَّهُ عَلىٰ كُلِّ شَيءٍ شَهيدٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीहम अनक़रीब ही अपनी (क़ुदरत) की निशानियाँ अतराफ (आलम) में और ख़़ुद उनमें भी दिखा देगें यहाँ तक कि उन पर ज़ाहिर हो जाएगा कि वही यक़ीनन हक़ है क्या तुम्हारा परवरदिगार इसके लिए काफी नहीं कि वह हर चीज़ पर क़ाबू रखता है