53سَنُريهِم آياتِنا فِي الآفاقِ وَفي أَنفُسِهِم حَتّىٰ يَتَبَيَّنَ لَهُم أَنَّهُ الحَقُّ ۗ أَوَلَم يَكفِ بِرَبِّكَ أَنَّهُ عَلىٰ كُلِّ شَيءٍ شَهيدٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदशीघ्र ही हम उन्हें अपनी निशानियाँ वाह्य क्षेत्रों में दिखाएँगे और स्वयं उनके अपने भीतर भी, यहाँ तक कि उनपर स्पष्टा हो जाएगा कि वह (क़ुरआन) सत्य है। क्या तुम्हारा रब इस दृष्टि, से काफ़ी नहीं कि वह हर चीज़ का साक्षी है