46مَن عَمِلَ صالِحًا فَلِنَفسِهِ ۖ وَمَن أَساءَ فَعَلَيها ۗ وَما رَبُّكَ بِظَلّامٍ لِلعَبيدِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिस किसी ने अच्छा कर्म किया तो अपने ही लिए और जिस किसी ने बुराई की, तो उसका वबाल भी उसी पर पड़ेगा। वास्तव में तुम्हारा रब अपने बन्दों पर तनिक भी ज़ुल्म नहीं करता