40إِنَّ الَّذينَ يُلحِدونَ في آياتِنا لا يَخفَونَ عَلَينا ۗ أَفَمَن يُلقىٰ فِي النّارِ خَيرٌ أَم مَن يَأتي آمِنًا يَومَ القِيامَةِ ۚ اعمَلوا ما شِئتُم ۖ إِنَّهُ بِما تَعمَلونَ بَصيرٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजो लोग हमारी आयतों में कुटिलता की नीति अपनाते है वे हमसे छिपे हुए नहीं हैं, तो क्या जो व्यक्ति आग में डाला जाए वह अच्छा है या वह जो क़ियामत के दिन निश्चिन्त होकर आएगा? जो चाहो कर लो, तुम जो कुछ करते हो वह तो उसे देख ही रहा है