37وَمِن آياتِهِ اللَّيلُ وَالنَّهارُ وَالشَّمسُ وَالقَمَرُ ۚ لا تَسجُدوا لِلشَّمسِ وَلا لِلقَمَرِ وَاسجُدوا لِلَّهِ الَّذي خَلَقَهُنَّ إِن كُنتُم إِيّاهُ تَعبُدونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर उसकी (कुदरत की) निशानियों में से रात और दिन और सूरज और चाँद हैं तो तुम लोग न सूरज को सजदा करो और न चाँद को, और अगर तुम ख़ुदा ही की इबादत करनी मंज़ूर रहे तो बस उसी को सजदा करो जिसने इन चीज़ों को पैदा किया है