34وَلا تَستَوِي الحَسَنَةُ وَلَا السَّيِّئَةُ ۚ ادفَع بِالَّتي هِيَ أَحسَنُ فَإِذَا الَّذي بَينَكَ وَبَينَهُ عَداوَةٌ كَأَنَّهُ وَلِيٌّ حَميمٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदभलाई और बुराई समान नहीं है। तुम (बुरे आचरण की बुराई को) अच्छे से अच्छे आचरण के द्वारा दूर करो। फिर क्या देखोगे कि वही व्यक्ति तुम्हारे और जिसके बीच वैर पड़ा हुआ था, जैसे वह कोई घनिष्ठ मित्र है