28ذٰلِكَ جَزاءُ أَعداءِ اللَّهِ النّارُ ۖ لَهُم فيها دارُ الخُلدِ ۖ جَزاءً بِما كانوا بِآياتِنا يَجحَدونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीख़ुदा के दुशमनों का बदला है कि वह जो हमरी आयतों से इन्कार करते थे उसकी सज़ा में उनके लिए उसमें हमेशा (रहने) का घर है,