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Sura 41
Aya 25
25
۞ وَقَيَّضنا لَهُم قُرَناءَ فَزَيَّنوا لَهُم ما بَينَ أَيديهِم وَما خَلفَهُم وَحَقَّ عَلَيهِمُ القَولُ في أُمَمٍ قَد خَلَت مِن قَبلِهِم مِنَ الجِنِّ وَالإِنسِ ۖ إِنَّهُم كانوا خاسِرينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और हमने (गोया ख़ुद शैतान को) उनका हमनशीन मुक़र्रर कर दिया था तो उन्होने उनके अगले पिछले तमाम उमूर उनकी नज़रों में भले कर दिखाए तो जिन्नात और इन्सानो की उम्मतें जो उनसे पहले गुज़र चुकी थीं उनके शुमूल (साथ) में (अज़ाब का) वायदा उनके हक़ में भी पूरा हो कर रहा बेशक ये लोग अपने घाटे के दरपै थे