22وَما كُنتُم تَستَتِرونَ أَن يَشهَدَ عَلَيكُم سَمعُكُم وَلا أَبصارُكُم وَلا جُلودُكُم وَلٰكِن ظَنَنتُم أَنَّ اللَّهَ لا يَعلَمُ كَثيرًا مِمّا تَعمَلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदतुम इस भय से छिपते न थे कि तुम्हारे कान तुम्हारे विरुद्ध गवाही देंगे, और न इसलिए कि तुम्हारी आँखें गवाही देंगी और न इस कारण से कि तुम्हारी खाले गवाही देंगी, बल्कि तुमने तो यह समझ रखा था कि अल्लाह तुम्हारे बहुत-से कामों को जानता ही नहीं