9وَقِهِمُ السَّيِّئَاتِ ۚ وَمَن تَقِ السَّيِّئَاتِ يَومَئِذٍ فَقَد رَحِمتَهُ ۚ وَذٰلِكَ هُوَ الفَوزُ العَظيمُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर उन्हें अनिष्टों से बचा। जिसे उस दिन तूने अनिष्टों से बचा लिया, तो निश्चय ही उसपर तूने दया की। और वही बड़ी सफलता है।"