77فَاصبِر إِنَّ وَعدَ اللَّهِ حَقٌّ ۚ فَإِمّا نُرِيَنَّكَ بَعضَ الَّذي نَعِدُهُم أَو نَتَوَفَّيَنَّكَ فَإِلَينا يُرجَعونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो (ऐ रसूल) तुम सब्र करो ख़ुदा का वायदा यक़ीनी सच्चा है तो जिस (अज़ाब) की हम उन्हें धमकी देते हैं अगर हम तुमको उसमें कुछ दिखा दें या तुम ही को (इसके क़ब्ल) दुनिया से उठा लें तो (आख़िर फिर) उनको हमारी तरफ लौट कर आना है,