75ذٰلِكُم بِما كُنتُم تَفرَحونَ فِي الأَرضِ بِغَيرِ الحَقِّ وَبِما كُنتُم تَمرَحونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"यह इसलिए कि तुम धरती में नाहक़ मग्न थे और इसलिए कि तुम इतराते रहे हो