61اللَّهُ الَّذي جَعَلَ لَكُمُ اللَّيلَ لِتَسكُنوا فيهِ وَالنَّهارَ مُبصِرًا ۚ إِنَّ اللَّهَ لَذو فَضلٍ عَلَى النّاسِ وَلٰكِنَّ أَكثَرَ النّاسِ لا يَشكُرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअल्लाह ही है जिसने तुम्हारे लिए रात (अंधकारमय) बनाई, तुम उसमें शान्ति प्राप्त करो औऱ दिन को प्रकाशमान बनाया (ताकि उसमें दौड़-धूप करो) । निस्संदेह अल्लाह लोगों के लिए बड़ा उदार अनुग्रहवाला हैं, किन्तु अधिकतर लोग कृतज्ञता नहीं दिखाते