59إِنَّ السّاعَةَ لَآتِيَةٌ لا رَيبَ فيها وَلٰكِنَّ أَكثَرَ النّاسِ لا يُؤمِنونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीइसमें किसी तरह का शक नहीं मगर अक्सर लोग (इस पर भी) ईमान नहीं रखते