52يَومَ لا يَنفَعُ الظّالِمينَ مَعذِرَتُهُم ۖ وَلَهُمُ اللَّعنَةُ وَلَهُم سوءُ الدّارِफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(उस दिन भी) जिस दिन ज़ालिमों को उनकी माज़ेरत कुछ भी फायदे न देगी और उन पर फिटकार (बरसती) होगी और उनके लिए बहुत बुरा घर (जहन्नुम) है