42تَدعونَني لِأَكفُرَ بِاللَّهِ وَأُشرِكَ بِهِ ما لَيسَ لي بِهِ عِلمٌ وَأَنا أَدعوكُم إِلَى العَزيزِ الغَفّارِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतुम मुझे बुलाते हो कि मै ख़ुदा के साथ कुफ्र करूं और उस चीज़ को उसका शरीक बनाऊ जिसका मुझे इल्म में भी नहीं, और मैं तुम्हें ग़ालिब (और) बड़े बख्शने वाले ख़ुदा की तरफ बुलाता हूँ