39يا قَومِ إِنَّما هٰذِهِ الحَياةُ الدُّنيا مَتاعٌ وَإِنَّ الآخِرَةَ هِيَ دارُ القَرارِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीभाईयों ये दुनियावी ज़िन्दगी तो बस (चन्द रोज़ा) फ़ायदा है और आखेरत ही हमेशा रहने का घर है