19يَعلَمُ خائِنَةَ الأَعيُنِ وَما تُخفِي الصُّدورُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदवह निगाहों की चोरी तक को जानता है और उसे भी जो सीने छिपा रहे होते है