11قالوا رَبَّنا أَمَتَّنَا اثنَتَينِ وَأَحيَيتَنَا اثنَتَينِ فَاعتَرَفنا بِذُنوبِنا فَهَل إِلىٰ خُروجٍ مِن سَبيلٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदवे कहेंगे, "ऐ हमारे रब! तूने हमें दो बार मृत रखा और दो बार जीवन प्रदान किया। अब हमने अपने गुनाहों को स्वीकार किया, तो क्या अब (यहाँ से) निकलने का भी कोई मार्ग है?"