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Sura 4
Aya 91
91
سَتَجِدونَ آخَرينَ يُريدونَ أَن يَأمَنوكُم وَيَأمَنوا قَومَهُم كُلَّ ما رُدّوا إِلَى الفِتنَةِ أُركِسوا فيها ۚ فَإِن لَم يَعتَزِلوكُم وَيُلقوا إِلَيكُمُ السَّلَمَ وَيَكُفّوا أَيدِيَهُم فَخُذوهُم وَاقتُلوهُم حَيثُ ثَقِفتُموهُم ۚ وَأُولٰئِكُم جَعَلنا لَكُم عَلَيهِم سُلطانًا مُبينًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

अनक़रीब तुम कुछ ऐसे और लोगों को भी पाओगे जो चाहते हैं कि तुमसे भी अमन में रहें और अपनी क़ौम से भी अमन में रहें (मगर) जब कभी झगड़े की तरफ़ बुलाए गए तो उसमें औंधे मुंह के बल गिर पड़े पस अगर वह तुमसे न किनारा कशी करें और न तुम्हें सुलह का पैग़ाम दें और न लड़ाई से अपने हाथ रोकें पस उनको पकड़ों और जहॉ पाओ उनको क़त्ल करो और यही वह लोग हैं जिनपर हमने तुम्हें सरीही ग़लबा अता फ़रमाया