79ما أَصابَكَ مِن حَسَنَةٍ فَمِنَ اللَّهِ ۖ وَما أَصابَكَ مِن سَيِّئَةٍ فَمِن نَفسِكَ ۚ وَأَرسَلناكَ لِلنّاسِ رَسولًا ۚ وَكَفىٰ بِاللَّهِ شَهيدًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीहालॉकि (सच तो यूं है कि) जब तुमको कोई फ़ायदा पहुंचे तो (समझो कि) ख़ुदा की तरफ़ से है और जब तुमको कोई फ़ायदा पहुंचे तो (समझो कि) ख़ुद तुम्हारी बदौलत है और (ऐ रसूल) हमने तुमको लोगों के पास पैग़म्बर बनाकर भेजा है और (इसके लिए) ख़ुदा की गवाही काफ़ी है